असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए अब PhD होगी जरूरी, जानें कब से लागू होगा नया नियम 11. Oct. 2021
सरकार के इस फैसले के बाद लगभग 39 लाख छात्रों के पास असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का ऑप्शन नहीं रहेगा. केवल इस साल तक PG के वे छात्र जिन्होंने नेट क्वालिफाइ किया है, असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा के लिए योग्य होंगे. लेकिन 2022-23 से असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए PG के बाद PhD करना अनिवार्य हो जाएगा.
दरअसल, शिक्षा मंत्रालय की तरफ से 2018 में प्रोफेसर बनने के लिए पीएचडी को अनिवार्य किया था. लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इसे वर्ष के लिए टाल दिया गया है. ऐसे में नेट क्वालिफाइ करने के साथ ही PhD की योग्यता भी 2022-23 से अनिवार्य होगी.
पीएचडी की अनिवार्यता को लेकर सरकार का कहना है कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा. वहीं, इस फैसले को लेकर छात्रों का कहना है कि असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए PhD की अनिवार्यता को जोड़ने से शिक्षा की गुणवत्ता में कोई फर्क आएगा ऐसा नहीं लगता, क्योंकि PhD के छात्र टीचिंग एप्टीट्यूड को नहीं सीखते हैं. उनका फोकस केवल रिसर्च पर रहता है.