सामान्य विद्यालय में विकलांग बालकों को अलग ही वातावरण उपलब्ध कराते हैं। समावेशन का अर्थ है अंतर चाहे कितना ही क्यों न हो विद्यालय , में सभी बच्चों का स्वागत है।
इस तंत्र में बच्चों की कमियों को सुधारने पर जोर नही दिया जाता बल्कि परिवेश को इस लायक बनाया जाता है कि विकलांग तथा सामान्य बच्चों के लिए अंतर ना लगे। समावेशी मॉडल में बच्चे के अंतर न सिर्फ स्वीकार किया जाता है। बल्कि सामान्य तौर से सभी के सामने प्रदर्शित भी किया जाता है।
समावेशन विद्यालय एक ऐसी जगह है, जहां पर सभी प्रकार के बच्चों को स्वीकार किया जाता है। तथा धनवान लोगो द्वारा सहायता की जाती है तथा विद्यालय के लोग (teacher) सहयोग प्रशिक्षण के दौरान उनकी शिक्षा की आवश्यकताओं की पूरा करते हैं। समावेशित शिक्षा लचीली होती हैं तथा इसमें विकलांग तथा सामान्य बालकों के सामाजिक रूप से व्यवहार और आचरण का आपस में एक दूसरे द्वारा अनुसरण किया जाता है।
सामान्य बच्चे के लाभ :-
समावेशी स्कूल में प्रवेश से सामान्य छात्रों को अपने समान आयु के विकलांग साथी से संपर्क करने के अवसर प्रधान होते हैं।
शैक्षिक गतिविधियों में वह अपने विकलांग साथी छात्रों के लिए peer tutor का सहपाठी शिक्षक कार्य कर सकते हैं।
वह विकलांग सहपाठी के लिए भोजन अवकाश तथा खेल के मैदान में यात्रा करते समय विशेष साथी की भूमिका निभा सकता है।
विकलांग सहपाठी। के संपर्क में रहने से सामान्य छात्रों में सहनशीलता व्यक्तित्व तथा अन्य मानवीय गुणों का विकास हो सकता है।
सामान्य बच्चे यह सीख सके की विकलांग बच्चों में बहुत सी सकारात्मक और क्षमताए होती है।
विकलांग बच्चों को मानव सेवा से संबंधित बहुत से व्यवसाय से विषय में जानने का अवसर मिलता है।जैसे special educator, वाणी प्रशिक्षक, शारीरिक उपचार आदि के माध्यम से इन छात्रों के संपर्क में रहने से एक सामान्य बच्चे को इन क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त करने का अवसर भी प्रदान करा सकता है।
समावेशन सामान्य छात्रों के लिए special student में विभिन्न प्रकार की व्यक्तियों के साथ बातचीत करना तथा सही तरीके से व्यवहार करने के अवसर प्रधान करता है। समावेशी शिक्षा बच्चों की केवल आवश्यकताओं को ही पूरा नहीं करती बल्कि उनके प्रति पूर्ण जिम्मेदारी को निभाती है।
समावेशी शिक्षा विद्यालय में एकीकरण को बढ़ाती है तथा सामान्य छात्रों के सामाजिक रूप से स्वीकार व्यवहार और आचरण का अनुसरण करते हैं या अनुसरण करके सीखते हैं
बच्चों में आयु लिंग संप्रदाय भाषा विकलांगता तथा रूप आदि से संबंधित विभिन्नताओ को स्वीकारती है तथा इन विभिनताओ का सम्मान करती है।
समावेशी समाज को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक रणनीति को बढ़ावा देती है समावेशी शिक्षा एक सशक्त प्रक्रिया है जो निरंतर विकसित होती रहती है।