Role of mathematics and objectives of teaching mathematics
गणित की दैनिक भूमिका
यथा शिक्षा मयूराणां , नागाना मणयोयथा
तद्वद्वेदांग शास्त्राणां, गणित मूधिर्नवर्तते।
जिस प्रकार मयूरो की शिखाए और सर्पों की मणियां शरीर में सर्वोपरी मुर्धा स्थान ( मस्तक) पर विराजमान है,उसी प्रकार वेदों के सब अंगो का शास्त्रों में गणित के संबंध में यहां तक कहा है –
बहुभिर्विप्रलापै: किम् त्रैलोक्य सचराचरे।
यत्किंचिद्वस्तु तत्सर्व गणितेन बिना न हि।।
बहुत अधिक प्रलाप करने से क्या लाभ हो इस चराचर जगत में वह सब गणित (आधार) के बिना समझना संभव ही नही।
यह तथ्य भारतीय मनुष्यों, दर्शनिको तथा तत्व वेताओ को भली भांति ज्ञात था इसी कारण उन्होंने प्रारंभ से ही गणित के विकास पर ध्यान दिया जब अरब व यूरोपीय देशों में गणित का ज्ञान नगण्य था तब तक भारत इस क्षेत्र में महान उपलब्धियां हासिल कर चुका था।
इस संदर्भ में यह कहना अतिशयोक्ति पूर्ण होगा कि 12वी शताब्दी तक भारत गणित के क्षेत्र के विश्व ज्ञान गुरु था। गणित के संबंध में निपोलिन का कथन है –
The progress and the improvement of mathematics are link to the prosperity of the state
अर्थात गणित की उन्नति तथा सुधार राज्य की समृद्धि से जुड़ा हुआ है।
गणित की दैनिक जीवन में भूमिका –
गणित हमारे दैनिक जीवन में प्रयुक्त होने वाली महत्वपूर्ण विषय है। दैनिक जीवन में छोटे से छोटे कार्यों में भी हमे गणित की आवश्यकता पड़ती है। हम मकान बनवाते हैं, खरीदते हैं, हमारे इन सभी कार्यों में गणित विषय किसी न किसी रूप से जुड़ा हुआ है। एक अनपढ़ किसान को यह पता होता है कि एक एकड़ भूमि में कितनी खाद पड़ेगी । एक मजदूर को यह पता होता है कि उसके 10 दिन की मजदूरी करने की कीमत क्या होगी। एक रसोइया यह जानता है कि सब्जी में मिर्च तथा नमक का अनुपात क्या होना चाहिए ? विद्यार्थियों को यह पता होता है विद्यालय कितने बजे जाना है। एक व्यापारी को यह पता होता है कि किस वस्तु को बेचने पर उसे लाभ होगा । एक इंजिनियर यह जानता है कि भवन की लंबाई व चौड़ाई कितनी हो ताकि मजबूती प्राप्त कर सके । यह कुछ ऐसी बातें हैं जो हमारे दैनिक जीवन से संबंधित है और किसी न किसी रूप में गणित से जुडी हुई है। विद्यालय में जब छात्र को भूगोल , विज्ञान, चित्रकला, अर्थशास्त्र, इतिहास आदि विषय पढ़ाए जाते हैं।किसी न किसी मात्रा में गणित बैंक में पैसे जमा करना , आयकर वबिक्रीकर की गणना करना , समय की जानकारी करना ऋणों की जानकारी करना , विभिन्न प्रकार की मशीनों व यंत्रों का संचालन, खेल के मैदान का मापन करना आदि ऐसे कार्य है जो हमे दैनिक जीवन में करने पड़ते हैं और जिनको करने के लिए गणित की जानकारी करना आवश्यक है। अतः हम कह सकते हैं कि गणित हमारे दैनिक जीवन में बहुत उपयोगी है।