Unit 4.4
Architectural modifications
( निर्माण सुधार परिवर्तन)
वे सभी अधिकार जो किसी भी सामान्य व्यक्ति को प्राप्त होते हैं, वे सभी सुविधाएं एवं साधन चीन का प्रयोग सामान्य व्यक्ति कर सकता है, ये अधिकार और सुविधाएं विकलांग व्यक्ति को भी मिलनी चाहिए। दिव्यांग बच्चे को स्वयं को और अपनी प्रतिदिन होने वाली गतिविधियों को व्यवस्थित करने में कठिनाई होती है। अस्थि विकलांगता / प्रमस्तिष्कीय पक्षाघात के साथ दृष्टिबाधा से यह कठिनाई और अधिक हो जाती है निर्माण सुधार या सरचना द्वारा इस कमी को काफी हद तक पूरा कर सकते हैं।
व्यक्ति के वातावरण में उपलब्ध सभी जीवन उपयोगी वस्तुओं में चाहे वह घर के अंदर हो या बाहर उसके मूल स्वरूप में इस प्रकार परिवर्तन करना कि सामान्य के साथ-साथ विकलांग व्यक्ति भी उसका सहजता से प्रयोग कर सके। निर्माण परिवर्तन या सुधार कहलाता है। यह दरवाजे, खिड़कियां, मेंज किचन, प्लेटफार्म, विद्यालय भवन सीढियां तथा कार्यस्थल पर उपयोगी वस्तुओं आदि किसी से भी संबंधित हो सकता है।
संरचना में सुधार हेतु कुछ विशेष सुझाव
- घर में जगह की कमी हो तो फर्नीचर को ऐसे लगाए जिससे की एक ही कमरे में अलग-अलग स्थान सीमाकित हो सके।
- स्कूल की कक्षा में ऐसी वस्तुओं को हटा दें जिससे बच्चों का ध्यान भटकता है।
- रसोईघर आदि को बहु विकलांग बालक की आवश्यकता अनुसार परिवर्तित कर दें।
- घर के दरवाजे चौड़े, सीढ़ी रैम्प की बनावट इस प्रकार है की व्हीलचेयर, बैसाखी आदि लेकर चलने में असुविधा ना हो।
- नल व्हीलचेयर की ऊंचाई से 2 फीट ऊंचा हो तथा टॉयलेट की ऊंचाई 16 से 19 इंच रखनी चाहिए।
- टेलीफोन बूथ पर डायल और बटन दोनों की व्यवस्था होनी चाहिए।
- पार्क या होटल आदि स्थानों पर बैठने की कुर्सी, आने जाने के मार्ग हो। धातु की छड़ या बांस लगाकर अलग बनाया जा सकता है।
- अनुकूलित फर्नीचर की व्यवस्था घर विद्यालय एवं कार्यस्थल में की जानी चाहिए।