Autism - concept, educational implications and teaching strategies स्वलीनता : अवधारणा शैक्षणिक समस्याएं और शैक्षणिक रणनीतियां

 Unit 3.4 

Autism -- concept, educational implications and teaching strategies
( स्वलीनता : अवधारणा शैक्षणिक समस्याएं और शैक्षणिक रणनीतियां ) 


स्वलीनता व्यापक विकासात्मक विकृति के अंतर्गत आने वाली विकृति है। इसमें पीड़ित बालक में दूसरों से संबंध स्थापित करने की अंतः क्रिया में कमी देखी जाती है, साथ ही भाषा कौशल में कमी, सीमित एवं पुनरावृति जैसे व्यवहार के लक्षण प्रदर्शित होते हैं।



Autism ( स्वलीनता) शब्द ग्रीक भाषा के Autus शब्द से बना है जिसका अर्थ है - 'स्व' । Autism शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग यूगेन ब्लूलर ने किया था। प्रारंभ में इसे मानसिक मंदता की श्रेणी में ही रखा गया था किंतु संन 1980 में इसे स्वतंत्र विकृति का दर्जा प्रदान किया गया।


परिभाषा:- 

" शालीनता एक विकासात्मक विकलांगता है, जो मुख्य रूप से शाब्दिक, शाब्दिक संप्रेषण एवं सामाजिक अंतः क्रिया को प्रभावित करता है, सामान्य रूप से यह घटना 3 वर्ष पूर्व होती है, जो बच्चे की शैक्षणिक निष्पादन को प्रभावित करती है। 



दृष्टिबाधित- स्वलीन बालकों के लक्षण


सामाजिक व्यवहार , संप्रेषण तथा काल्पनिक शक्ति इन तीनों क्षेत्रों में इन बच्चों के व्यवहार दूसरों से अलग होते हैं। 

दृष्टिबाधित स्वलीन बच्चों के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं- 

विलंबित मुस्कान या देर से मुस्कुराना ।

माता पिता तथा परिवार के अन्य सदस्यों से लगाव न होना।

आंखों से संपर्क न बना पाना।

अकेले रहना पसंद करना।

शरीर को लगातार एक ही तरफ से चलाना, आगे पीछे हिलना-डूलना।

 अपने वातावरण में परिवर्तन होने से अत्यधिक परेशानी महसूस करना।

अमौखिक संप्रेषण, इशारों को ना समझ पाना।

अनुकरण न करना एवं दूसरे बालक के साथ किसी प्रकार का तालमेल न बेठा पान।


दृष्टिबाधा व स्वलीनता या सामाजिक संपर्क के साथ जुड़ी समस्याओं के साथ कोई गहरा संबंध नहीं है, फिर भी दृष्टि बाधित बालकों में स्वलीनता की समस्या का औसत अधिक है।

दृष्टिबाधित स्वलीन बच्चों में विकास के 3 छात्रों में पिछड़ापन पाया जाता है—

सामाजिक अंत:क्रिया

भाषा तथा संप्रेषण

व्यवहार 



दृष्टिबाधित स्वलीन बच्चों के लिए प्रशिक्षण विधियां — 


दृष्टि का अभाव सामाजिक दक्षताओं को प्रभावित करता है । दूसरी तरफ स्वलीनता से प्रभावित बच्चों में भी सामाजिक रुप से पिछड़ापन रहता है। जो सामाजिक व्यवहार और सामाजिक नियम हम अनुकरण द्वारा सीख लेते हैं। बे एक स्वलीन बच्चे को सिखाने पड़ सकते हैं। अतः दृष्टिबाधित बच्चे स्वलीन न भी हों, तो भी उन्हें सामाजिक कौशल प्रशिक्षण अवश्य दिया जाना चाहिए।



दृष्टिबाधित स्वलीन बच्चों में पाई जाने वाली सामाजिकरण संबंधी आम कठिनाइयां — 


सीमित और विसामान्य संबंध।

सीमित काल्पनिक एवं एक ही प्रकार के खेल।

मित्रता समझाने में कठिनाई।

अपने अनुभव दूसरों के साथ बांटने में समस्याएं।

 भाषा 

तथा संप्रेषण कौशल से संबंधित समस्याएं।

Tags

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad