EARLY INTERVENTION AND ITS SIGNIFICANCE IN EDUCATION OF THE VISUALLY IMPAIRED CHILDREN WITH ADDITIONAL DISABILITIES दर्ष्टिबाधा के साथ अन्य विकलांगता वाले बालकों की शिक्षा पर शीघ्र हस्तक्षेप का प्रभाव

EARLY INTERVENTION AND ITS SIGNIFICANCE IN EDUCATION OF THE VISUALLY IMPAIRED CHILDREN WITH ADDITIONAL DISABILITIES
दर्ष्टिबाधा के साथ अन्य विकलांगता वाले बालकों की शिक्षा पर शीघ्र हस्तक्षेप का प्रभाव )


An early intervention programme for young visually impaired child with additional disabilities and his family needs to be dynamic and relevant to the today and future world of the child. — Miller (1992)

शीघ्र हस्तक्षेप का अर्थ—
हस्तक्षेप वास्तव में पुनर्वास प्रक्रिया का एक भाग है, जो विशेषज्ञों के साथ -साथ व्यक्तिगत स्तर पर भी किया जा सकता है। इसका उद्देश्य वांछित बालक को स्वतंत्रता तथा आत्मनिर्भरता प्रदान करना है। अंतराक्षेपण को समस्याओं का निवारक या उपचार भी कह सकते हैं। 

बहु विकलांग बालकों हेतु शीध्र हस्तक्षेप की आवश्यकता :-

यदि विकलांग बालक की पहचान समय से हो जाए तो उन्हें अपनी समस्याओं से बाहर निकलने में सहायता मिलती है। शीघ्र पहचान और मूल्यांकन बालक के प्राकृतिक विकास, उन्नति और विकलांगता से उभरने के लिए आवश्यक है। 
शीघ्र हस्तक्षेप बालक की सभी आवश्यकताओं को भली— भांति पहचान के बाद ही किया जाना चाहिए।
               हस्तक्षेप योजनाएं ( सेवाएं ) 0-6 वर्ष तक प्रारंभ कर दी जानी चाहिए । परंतु यह भी सत्य है कि इस आयु तक यह सेवाएं बच्चों को कठिनाई से ही मिल पाती है। प्रारंभ के 3 वर्ष बालक के जीवन के अति महत्वपूर्ण वर्ष होते हैं। अधिगम प्रक्रियाएं जैसे - चलना , फिरना, संप्रेषण, बोधात्मक ज्ञान, संवेगी विकास और सामाजिक कौशल बालक इन्ही वर्षों में सीखता है। लगभग 80% ज्ञान बालक देखकर अपने अनुभवों से प्राप्त करता है। दृष्टिबाधा यह ज्ञान सीमित कर देती है और अधिक कठिन बना देती है। 


शीघ्र हस्तक्षेप का महत्व — 
बालक को विकास का ऐच्छिक स्थर प्राप्त करने में सहायक। 
 विकलांगता के प्रभाव से बचने के लिए उचित और उपयुक्त उपकरणों में सहायक।
विकलांगता के द्वितीयक प्रभाव से बचाव में सहायक।
उद्दीपन प्रक्रियाओ द्वारा बालक को शिक्षा प्राप्ति हेतु प्रोत्साहित करने में सहायक।
          
सामान्यतः अभिभावक और सेवा प्रदाता यह चिन्हित करते हैं कि दृष्टिबाधा के साथ अतिरिक्त विकलांगता वाले बालक MDVI ( multiple disable with visually impaired ) बालक विकास की विभिन्न अवस्थाओं में बिछड़ जाते हैं किंतु यह भी देखा गया है कि यदि संभावित स्तरों पर शीघ्र हस्तक्षेप विधियों को अपनाया जाए तो निश्चित तौर पर इन बालकों में कई क्षमताओं का विकास किया जा सकता है। बालक के साथ - साथ शीघ्र भी आवश्यक है। 

सेवा प्रदाता के जानने योग्य बातें — 
बालक का सामान्य स्वास्थ्य स्तर।
यह भी जानना आवश्यक है कि बालक की शारीरिक और गत्यात्मक सीमाएं क्या है उसे किस प्रकार के व्यायाम की आवश्यकता है।
 बालक का ज्ञानात्मक व बोधात्मक सभी परीक्षणों का स्तर, उसकी कार्यात्मक दृष्टि है तो उसका भविष्य।
शीघ्र हस्तक्षेप में परिवार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वह सेवा प्रदाता / शिक्षक को बालक की स्वास्थ्य सूचनाएं प्रदान कर सकता है। अंतराक्षेपण की विधियों को स्वयं सीख कर प्रशिक्षक की अनुपस्थिति में बालक को प्रशिक्षण प्रदान कर सकता है। घर बालक की पहली पाठशाला और मां उसकी पहली अध्यापक होती है। बालक अपनी भाई बहनों से सीखता है । 
Tags

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad