बहुविकलांगता के प्रकार
शरीर में एक से अधिक विकलांगता की उपस्थिति बहुविकलांगता कहलाती है। भारत सरकार ने बहु विकलांग व्यक्तियों की अतिरिक्त आवश्यकताओं को देखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर आवश्यकताओ की पूर्ति हेतु सेवा मॉडलों के विकास के लिए एक विशेष राष्ट्रीय संस्थान चेन्नई में राष्ट्रीय विकलांग व्यक्ति अधिकारिता संस्थान के नाम से स्थापित किया है।
विकलांग व्यक्ति को उसकी विकलांगता की स्थिति एवं प्रकार के आधार पर निम्न प्रकार से वर्गीकृत कर सकते हैं—
1. बाधिरांधता ( VI+HI ) :— बाधिरांधता सुनने और देखने की विकलांगताओ का एक ऐसा संयोजन है जिससे व्यक्ति में संप्रेक्षण विकासात्मक और शिक्षा की गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है
2. मानसिक मद + दृष्टिवाधिता ( id+vi) :— जब किसी व्यक्ति में सोचने , समझने। सीखने , निर्णय लेने आदि में देरी के लक्षण परिलक्षित हो तो वह मानसिक मंद कहलाता है । इसके साथ ही यदि वह किसी सामान्य दूरी से किसी वस्तु को स्पष्ट देखने में कठिनाई का अनुभव करें तो वह व्यक्ति बहु विकलांगता की दृष्टिबाधिता+ मानसिक मंदता की स्थिति में आती है।
3. दृष्टिबाधित+ अस्थि विकलांगता (vi+o.h) :-
दृष्टिबाधिता के साथ चोट ,दुर्घटना, अविकसित अंग आदि किसी भी कारण से यदि व्यक्ति की शारीरिक गति बाधित होती है तो वह व्यक्ति बहूविकलांग कहलायेगा।
4. दृष्टिबाधित+ श्रवण बाधित+ मानसिक मंदता ( vi+hi+mr) —
बहु विकलांगता कि यह एक गंभीर स्थिति है जिसमें व्यक्ति दृष्टि बाधित होने के साथ-साथ श्रवण बाधित एवं मानसिक मंद भी है यह बालक दूसरों पर निर्भर रहते हैं।
5. प्रमस्तिष्किय पक्षाघात+ दृष्टिबाधित + मानसिक मंदता ( c.p+vi+mr) —
प्रमस्तिष्क पक्षाघात एक हाथ से लेकर पूरे शरीर को प्रभावित कर सकता है अतः मस्तिष्कीय क्षति के साथ बालक के अंग लकवा ग्रस्त होते हैं और उसे दिखाई भी न देता हो तो यह बहुविकलांगता की एक स्थिति है।
इसके अतिरिक्त बहुविकलांगता कई अन्य प्रकार की भी हो सकती है। जैसे—
1. बाधिरांध (vi+hi)—
. पूर्ण दृष्टिबाधित आ एक एवं गंभीर रूप से श्रवण बाधित
गंभीर संवादी था एवं अल्प दृष्टि
पूर्ण दृष्टिबाधित एवं अल्प श्रवण बाधित
2 दृष्टिबाधित व प्रमस्तिष्किय पक्षाघात
3 अस्थिविकलांगता व श्रवण बाधित
4 मानसिक मंदता व श्रवण बाधित
5 मानसिक रूढ़ता व दृष्टिबाधित
6 अस्थि विकलांगता व मानसिक मंदता+ दृष्टिबाधित
7 मांसपेशीय विकलांगता + श्रवण बाधित