Visually impaired children and cerebral palsy -- concept and educational implications, teaching strategies ( दृष्टि बाधित बालक और प्रमस्तिष्क पक्षाघात : अवधारणा, शैक्षिक समस्याएं और शैक्षणिक रणनीतियां )

 UNIT - 4 

Visually Impaired Children with Neuromuscular and Locomotor Disabilities


4.1 Visually impaired children and cerebral palsy -- concept and educational implications, teaching strategies
( दृष्टि बाधित बालक और प्रमस्तिष्क पक्षाघात : अवधारणा, शैक्षिक समस्याएं और शैक्षणिक रणनीतियां ) 



स्नायु तंत्रीय विकार — 


स्नायु तंत्रीय विकलांगता में मस्तिष्क मेरुदंड तथा peripheral nerves जोकि त्वचा और मांसपेशियों को प्रभावित करने वाली विभिन्न दशाएं आती है । यह विकार जन्म से 22 साल तक अधिक प्रभावित करता है। स्नायु तंत्रीय विकार में चोट़ प्रमस्तिष्क पक्षाघात आदि।




प्रमस्तिष्किय पक्षाघात — 


प्रमस्तिष्किय पक्षाघात शब्द का अर्थ ' मस्तिष्क पता चलने में असमर्थता से जुड़ा है। C.p. से ग्रस्त बालकों के दृष्टि तंत्र का कोई भी भाव प्रभावित हो सकता है। ऐसे बच्चों में विभिन्न प्रकार के दृष्टि दोष तथा दृष्टि निबंध्द ( जो़डने) करने में कठिनाई जैसी समस्याएं पाई जाती है कभी-कभी लेंस का धुंधलापन भी होता है। Spastic diplegia मे नीचे के दृष्टि क्षेत्र में हानि पाई जाती है तथा शरीर की गति को निर्देशित करने के लिए दृष्टि क्षमता में कमी एवं आंखों से ढूंढने की क्षमता (स्कैनिंग) भी सीमित होती है hemipligic ( हेमिपिजिक) बच्चों में दृष्टि तीक्ष्णता सामान्य होती है लेकिन दृष्टि क्षेत्र के आधे भाग में क्षती दिखाई देती है। Spastic quadriplegia में सीमित दृष्टिदक्षता और भैंगापन देखने को मिलता है।




शैक्षणिक/ उपचारात्मक विधियां—

पढ़ते समय कोई शब्द न छूट जाए अथवा चलते हुए न टकराए इसके लिए दृष्टि को सही दिशा में घुमाया जाना सिखाया जाना चाहिए।

 अध्यापक ने बच्चों को स्कैन करना सिखाए तथा आवश्यकता पड़ने पर कहीं बार दृष्टिगत वस्तुओं को बच्चों के दृष्टि क्षेत्र के अंदर ही रखकर दिखाएं।

 Spastic बच्चों में दृष्टि दोष कोई यदि चश्मे से सुधारना संभव न हो तो आवर्धक लेंस या c. C. T. V का उपयोग करना चाहिए।

 यदि स्पर्शीय क्षमता का विकास संभव न हो तो ब्रेल की जगह ऑडियो टेप या ऐसा ही कोई अन्य विकल्प चुनना चाहिए।

जब वाणी तथा भाषा में कठिनाई हो, तो कई प्रकार की संचार तकनीकी का प्रयोग कक्षा में किया जा सकता है।

दिन प्रतिदिन की क्रिया सीखने में दृष्टिबाधित c.p. वाले बच्चों को कठिनाई हो सकती है इसलिए occupational therapist एवं विशेष रूप से प्रशिक्षित अध्यापकों की आवश्यकता होती है।

C. P वाले बच्चों की संपूर्ण विकलांगता पर दृष्टिबाधा गहरा से डालती है शारीरिक तथा मानसिक समस्याओं के कारण मूल्यांकन करना भी कठिन हो जाता है। कई बार इनकी दशा में कोई खास परिवर्तन होने की उम्मीद कम रखी जाती है। इसलिए मूल्यांकन भी नहीं कर पाता हो दृष्टि की जांच भी नहीं हो पाती। इन बच्चों का मूल्यांकन multidisciplinary उपागम के अंतर्गत किया जाना चाहिए।



दृष्टिबाधा के साथ प्रमस्तिष्किय पक्षाघात वाले बच्चों के लिए सहायक सामग्री — 


इन बच्चों को occupational, speech therapist, तथा विशेष शिक्षक की आवश्यकता होती है। इन्हें उठने बैठने खड़े होने में दिक्कत आती है । इनके लिए निम्नलिखित उपकरण प्रयोग होते हैं —


Sidelyer — यह एक बेंचनुमा सीट होती है जिस पर बच्चे को एक करवट लेटी अवस्था में रखा जाता है और बेल्ट की सहायता से बांध कर रखते हैं।

Wedge :- यह पट्टानुमा तल होता है जो आगे से थोड़ा उठा हुआ होता है इस पर बच्चे हो पेट के बल लिटा कर रखते हैं।

Prone stand :- यह भी एक समतल पट्टा होता है। इस पर भी बच्चा पेट के बल लेटता है।

Coroer chair :- यह एक कुर्सी है। जिसमें पीट वाला हिस्सा बॉडी को तीन तरफ से कवर करके रखता है।

Standing table :- यह एक ऊंची मेज होती है। इस पर पट्टों की सहायता से बच्चे को बांधकर रखा जाता है।



For walking ( चलने- फिरने के लिए उपकरण ) 

इसके लिए निम्नलिखित उपकरण है—


Walker :- यह लोहे की पाइप से बना होता है, जिसके बीच में व्यक्ति खड़ा होकर इसके सहारे चल सकता है इसमें पहिए भी लगे होते हैं।

बैसाखी:- एलुमिनियम या लकड़ी का बना हुआ है डंडा होता है जिसके सहारे से व्यक्ति चल पाता है।

 Wheel chair :- यह पहिएयुक्त एक कुर्सी होती है जिस पर बैठाकर व्यक्ति को दूसरी जगह ले जाया जा सकता है।



पढ़ने लिखने के लिए उपकरण


इन बच्चों को कुछ विशेष इमेज और trays की आवश्यकता होती है एवं कंप्यूटर उपकरण भी प्रयोग में लाए जाते हैं।


ब्रेल उपकरण:- सीमित समय दी क्षमता तथा गामक क्रिया में कमी हो सकती हीनता के कारण ऐसे बच्चों के लिए ब्रेल लिखने पढ़ने में अनुकूलन करना होगा। Jumbo Braille सिखाई जाती है किंतु इसमें सामग्री कम है और विशेषज्ञों का भी मानना है कि यह उचित नहीं है अतः इन्हें audio tapes, recording c.d, electric brailler या बड़ी keys वाला ब्रेलर दिया जाता है। इन बालकों को ब्रेलर का one handed opration सिखाया जाता है।


कंप्यूटर से संबंधित उपकरण:— शारीरिक रूप से नि:शक्त छात्रों के लिए अनुकूलित की—बोर्ड तथा अपनी विशेषता युक्त कंप्यूटर ( With screen reader software) प्रयोग में लाए जाते हैं अगर बच्चे के मुंह से लगातार लाल टपकने की तकनीकी समस्या है तो shild का प्रयोग किया जा सकता है।


पुस्तक रखने का स्टैंड और पृष्ठ पलटने का उपकरण —


अलग दृष्टि बालकों द्वारा प्रयोग में लाया जाने वाला पुस्तक स्टैंड शारीरिक रूप से निशक्त बच्चों के लिए भी उपयोगी रहता है। पन्ना पलटने के लिए उंगली में thimble कमजोर अंगुली वाले बच्चों के लिए सहायक होती है। इसके अलावा Handband तथा mouth piece भी सहायक होता है। 

C. P. के साथ दृष्टिबाधा से ग्रसित बालक की समस्या गंभीर होती है। क्योंकि दृष्टि के साथ-साथ शारीरिक गतिविधियां भी प्रभावित होती है। अतः इन्हें उचित देखभाल, शिक्षण प्रशिक्षण हेतु उचित एवं उपयोगी उपकरणों की आवश्यकता होती है।

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