Visually impaired children and locomotor disability (upper and lower extremities) -- concept, educational implications and teaching strategies ( दृष्टिबाधित बालक और गामक अक्षमता- ऊपरी और निचला हिस्सा : अवधारणा, शैक्षिक समस्या, रणनीतियां

 Unit 4.2

 Visually impaired children and locomotor disability (upper and lower extremities) -- concept, educational implications and teaching strategies
( दृष्टिबाधित बालक और गामक अक्षमता- ऊपरी और निचला हिस्सा : अवधारणा, शैक्षिक समस्या, रणनीतियां 


गंभीर अस्थि विकलांगता किसी भी बच्चे की शैक्षिक गतिविधियों को निश्चित रूप से प्रभावित करता है। गंभीर अस्थि विकलांगता clud food, बीमारी, पोलियोमाइलाइटिस, bone tuberculosises, cerebral palsy, frecture or born आदि से उत्पन्न होती है। इनमें से कई स्थितियों के साथ दृष्टिबाधा हो सकती है इनमें से प्रमुख है—


1. J. R. A ( JUVVENILE RHEUMATIED ARTBRITIED ) : — इसमें आइरिस (iris) में सूजन आ जाती है, इसमें प्रकाश से असुविधा तथा दृष्टि धुंधली हो जाती है। JRA बुद्धि को प्रभावित नहीं करता लेकिन निरंतर दर्द तथा थकान के कारण शिक्षण प्रभावित होता है। जोड़ो में दर्द के कारण कक्षा बदलने जैसी क्रियाओं में समस्या होती है। 

ऐसे बच्चों के लिए कक्षा में प्रबंधन चमक रहित सामग्री तथा अल्प दृष्टि उपकरण एवं बड़े छापे की पुस्तके उपलब्ध कराई जानी चाहिए। इस अवस्था में बच्चों की Braille'n speak - Braillelight Braille Note Taken जैसे उपकरण तथा अनुकूलित कंप्यूटर उपलब्ध कराने चाहिए । इन पर कम दबाव के साथ कार्य किया जा सकता है। 


2. Muscular Distropy ( मांसपेशिय क्षरण ) :— यही वंशानुगत बीमारी है। किसी बालक में यदि MD के साथ दृष्टिबाधा है तथा कक्षा में अनुकूलन अति आवश्यक हो जाता है। जिन बच्चों के कंधे की मांसपेशियां दुर्बल है उन्हें ऐसी सुविधा देनी चाहिए जिससे भी आराम से बैठ कर टाइप कर सके।

Felt tip पेन का प्रयोग किया जा सकता है जिससे पढ़ने लिखने में स्पष्टता के साथ उंगलियां से दबाव कम लेना पड़ेगा। कार्य स्थल surface को थोड़ा ऊपर उठाने से पुस्तक रखकर उसके पृष्ठ पलटना आसान हो जाए स्कैन पुस्तकों को कंप्यूटर पर पढ़ना भी आसान हो जाता है इसके अलावा क्रिया करते हुए थोड़ा आराम, परीक्षा में अतिरिक्त समय देकर md+ vi ग्रसित बच्चों को विकास का अवसर दे सकते हैं।

Dystropy मैं 6 वर्ष के बच्चे प्रभावित होते हैं।


3. Spina bifeeda ( द्वीशाखीय रीढ़) :— जब रीढ़ की हड्डी के नीचे के हिस्से की बनावट में कमी होती है तो इस स्थिति को व द्वीशाखीय रीढ़ कहते हैं । इसके कारण संवेदनशीलता की कमी तथा मांसपेशियों का पूर्ण अथवा आंशिक लकवा हो जाता है । लकवे की मात्रा के अनुसार बच्चों को चलाने के लिए अलग सहायक सामग्री की आवश्यकता होगी जैसे— खप्पची, वैशाखी, व्हील चेयर।

द्वीशाखीय रीढ़ वाले बच्चे अधिकतर विकलांग होते हैं, उनमें दृष्टिबाधा जैसे strabismus तथा ऑप्टिक्स एट्रौफी ( optic atrophy) देखने को मिलती है। Strabismus में मेल नहीं रहता। Strabismus के कारण traking में समस्या महसूस होती है।


4. Optic atrophy:— ऐसी दशा जिसमें optic nerve प्रभावित होती है इसके कारण दृष्टि तीक्ष्णता की कमी, दृष्टि क्षेत्र संकुचित होना जैसी समस्याएं आती है इन बच्चों को बड़े छापें की पुस्तकें तथा पृष्ठभूमि से अधिक रंगभेद की आवश्यकता होती है अध्यापकों को इसके लिए उचित कक्षा प्रबंधन करना चाहिए।


5. Poliomyelitis ( पोलियो) :— पोलियो से ग्रस्त बालक के लिए घर से विद्यालय पहुंचने की व्यवस्था करना आवश्यक है इसके उपरांत वह दृष्टिबाधित बालकों के शिक्षण प्रशिक्षण में प्रयोग की जाने वाली तकनीकों तथा उपकरणों से लाभान्वित हो सकते हैं, पाठ्यक्रम अनुकूलन शिक्षण सामग्री के प्रयोग से दृष्टिबाधित पोलियो ग्रसित बालक सामान्य रूप से प्रगति कर सकते हैं।

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