Visually impaired children with severe seizure disorders - concept, educational implications and teaching strategies गंभीर मानसिक दौरा ग्रस्त दृष्टिबाधित बालक : अवधारणा, शैक्षिक समस्याएं एवं शैक्षणिक रणनीतियां

 Unit 4.3

 Visually impaired children with severe seizure disorders -- concept, educational implications and teaching strategies
( गंभीर मानसिक दौरा ग्रस्त दृष्टिबाधित बालक : अवधारणा, शैक्षिक समस्याएं एवं शैक्षणिक रणनीतियां ) 

गंभीर मानसिक पक्षाघात के परिणाम स्वरुप मानसिक दौरे उत्पन्न होते हैं, यह पक्षाघात जन्म के समय किसी दुर्घटना का परिणाम हो सकते हैं। इनमें से प्रमुख है मिर्गी ( epilepsy) 



मिर्गी एक ऐसा विकार है जिसमें मस्तिष्क के स्नायु तंत्रीय गतिविधियां बाधित होती है। यह एक आम स्नायु तंत्रीय विकार है , जिससे कुछ बच्चे प्रभावित होते हैं। बिना किसी स्पष्ट कारण के बार-बार आने वाले दौरे की स्थिति से बालक के दैनिक जीवन की क्रियाएं बाधित होती है। मिर्गी का दौरा किसी अनुवांशिक विकार या मस्तिष्क में लगी किसी चोट के परिणाम स्वरूप पड़ सकता है। दौरे के समय व्यक्ति असामान्य व्यवहार , संवेदनशीलता में कमी और कभी-कभी चेतना के लोग का अनुभव करता है। आमतौर पर इसका इलाज दवाओं द्वारा संभव है। कुछ मामलों में सर्जरी या आहार में परिवर्तन करके इसका इलाज किया जा सकता है। इसलिए इसे रोग की श्रेणी में रखा जाता है। 


कारण— मस्तिष्कीय दौरे मस्तिष्क की असामान्य विद्युतीय (electrical) क्रिया का नतीजा है। इसके कुछ अन्य कारण भी है जो इस प्रकार है — 

  1. मस्तिष्क के मेकैनिज्म में समस्या उत्पन्न होती है, तो मस्तिष्कीय चोट।
  2.    ब्रेन ट्यूमर
  3.     केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में संक्रमण।
  4. जन्म के समय किसी दुर्घटना से।
  5. गर्भावस्था के दौरान विकसित होते मस्तिष्क में किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने से।



लक्षण— 

  1. व्यक्ति का खड़े-खड़े या चलते हुए अचानक जमीन पर गिर जाना।
  2. थोड़ी देर के लिए शरीर में अकड़न या तनाव आ जाना।
  3. शरीर का नीला पड़ जाना या चीख निकलना।
  4.  मुंह से आग निकलना।
  5. मांसपेशी ऐंठन और बेहोश हो जाना।



मानसिक दौरा ग्रस्त बालक के साथ सावधानी और उपचार—


  1. घबराए नहीं शांत रहे।
  2. खतरनाक और नुकीली चीजें बालक से दूर कर दे।
  3. बालक को जमीन पर लिटाएं और सिर के नीचे मुलायम और समतल चीज रखें।
  4. दांतो के बीच कुछ न रखें।
  5. यदि बालक ने चश्मा पहना है तो उसे हटा दें।
  6. कपड़े ढ़ीले कर दें । विशेषतः गले के पास से।
  7. बहुत देर से एक तरफ करवट दिलाएं जिससे सांस अवरुद्ध न हो।
  8.  जब तक बालक को पूरी तरह होश न आ जाए उसके पास ही रहे। और उसे खाने या पीने के लिए अर्ध मूर्छित अवस्था में कुछ ना दें।


शैक्षणिक रणनीतियां —


मिर्गी बालक की शैक्षिक उपलब्धियों को प्रभावित करती है। शोध कहते हैं कि मानसिक दौरा ग्रस्त बालक सामान्य बालकों में कम से कम 1 वर्ष पीछे रहते हैं। भाषा संबंधी समस्याएं बी परिलक्षित होती है। इन बालकों की समस्या समाधान, व्यवहार अनुकूलन में भी समस्या देखी जाती है। कभी-कभी मानसिक दौरा ग्रस्त बालक विद्यालय भी छोड़ देते हैं। 


समाधान— 

इन बालकों के लिए Architecural modification आवश्यक है। इसके माध्यम से समान अवसर उपलब्ध कराने में सहायता होती है। सामान्यत: मिर्गी के दौरे क्षणिक होते हैं । उपरोक्त सावधानियों के साथ इन बालकों को दृष्टिबाधित छात्रों को दी जाने वाली सुविधाओं से लाभान्वित किया जा सकता है। भाषा संबंधी समस्या या गामक समस्या होने पर उनके लिए उपाय किए जाने चाहिए। मिर्गी के प्रति नकारात्मक सोच दूर करने की आवश्यकता है क्योंकि कुछ लोग इसे मानसिक मंदता या मानसिक रुग्णता के रूप में देखते हैं। यह मानसिक दौरा ग्रस्त बालकों के लिए हानिकारक स्थिति है।  

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