बालश्रम
• बालश्रम का तात्पर्य है जो कि चौदह वर्ष से कम उम्र के बालक से कोई श्रम कराना या उपजीविका प्रसंस्करण में कार्य करने के लिए नियोजित करना ।
बालश्रम के संबंध में कानून
संवैधानिक प्रावधान-
• अनु. 21 (क) शिक्षा का अधिकार
• अनु. 23 - मानव दुर्व्यापार एवं बलाव् श्रम का निषेध
• अनु. 23 - कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का निषेध
अनु. 35F - बालकों को स्वास्थ्य विकास का अवसर
गैर संवैधानिक प्रयास-
● कारखाना अधिनियम, 1948- इसमें 14 वर्ष से कम उम्र के बालकों को कारखाना, खान आदि में श्रम का वर्जन ।
● बागान श्रमिक अधिनियम, 1951- 12 वर्ष से कम उम्र के बालकों के लिए बागान के श्रम का वर्जन ।
● खदान अधिनियम, 1952 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से खदानों को काम लेने हेतु चिकित्सकीय प्रकारण पत्र अनिवार्य ।
● बालश्रम / प्रतिषेध और विनियमन अधिनियम, 1986
● राष्ट्रीय बाल श्रमिक नीति, 1987
● बाल श्रमिक प्रकोष्ठ, 1990
● राष्ट्रीय बालश्रम उन्मूलन प्राधिकरण, 1994
● बाल अधिकार संरक्षण आयोग- 2007
● निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009
● किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं सुरक्षा) अधिनियम, 2015
बालक और कुमार श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986
● भारत में बाल श्रम को प्रतिबंधित करने के लिए गुरुपाड समिति की सिफारिश पर बालश्रम (प्रतिषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 पारित किया गया।
● इसमें 2016 में महत्वपूर्ण संसोधन करते हुए इस अधिनियम का नाम बदलकर 'बालक और कुमार श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 रखा गया।
● इस अधिनियम में ऐसे बच्चे जिन्होंने 14 वर्ष की आयु पूर्ण नहीं किया है उसे बालक तथा 14 से ऊपर 18 वर्ष तक के बच्चों को किशोरबीके रूप में परिभाषित किया गया है।
● 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से श्रम कराने की सूचना मिलने पर किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 (पूर्व में 2000 अधिनियम) के तहत कार्यवाही की जाती है।
शास्तियाँ / दण्ड
● धारा 14 के अनुसार धारा 3 के उल्लंघन में-
● प्रथम दोष सिडिवी दशा में न्यूनतम 6 माह से अधिकतम दो वर्ष तक का कारावास या न्यूनतम 20000 रुपये से अधिकतम 50000 रुपये तक अर्थदण्ड अथवा दोनों से दण्डनीय होगा।
● द्वितीय/पश्चात्वर्ती दोष सिद्धि की दशा में न्यूनतम वर्ष तथा अधिकतम तीन वर्ष का कारावास से दण्डनीय होगा।
● कैलाश सत्यार्थी कैलाश सत्यार्थी ने बालश्रम उन्मूलन के लिए बचपन बचाओ आंदोलन की स्थापना की इस कार्य हेतु उन्हें 2014 का शांति नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया गया।
● चाइल्ड हैल्पलाइन 1098